राव भीका घर अम्बापुर में, अवतार लियो जगदम्बे माई,
ब्याव करन खिलजी जद आयो, तौबा कर कर जान बचाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
नारलाई में दियो परचो भारी, पत्थर शिला माँ अधर धराई,
डायलाणा मे बडलो तो हडालो, छाया करी जगदम्बे माई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
भेसाणा मे भैसा ए भाटा री, बिलाड़ा मे माँ ज्योति समाई,
मेवाड़ धरा रायमलजी पाई, हिन्दूवा सूरज लाज बचाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
जानोजी रो पूरीयो मनोरथ, माधवजी सु मेल कराई,
माही बीज दिवान पद राजे, भादवी बीज ने ज्योति जलाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
रोहित दीवाणजी ने जोधाणे सु मिली रियासत मान बढाई।।
हरिदास जी पाणी पर चाल्या, अचरज करियो अहिल्याबाई।।
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
मंदिर बिलाड़ा में परचो भारी अखंड ज्योत सुं केसर पाई।।
मालवा मीवाड़ गुजरात देश रा घर घर में तेरौ गुण येश गाई।।
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
रोहित दिवानजी ने जोधाणा सु, मिली रियासत मान बढाई,
हरिदासजी पानी पर चाल्या, अचरज करीयो अहिल्याबाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
मंदिर बिलाडा मे परचो भारी, अखण्ड ज्योत सु केसर पाई,
मालवा मेवाड़ गुजरात देशरा, घर घर में तेरी रहा यश गाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
जो कोई आईजी री आरती गावे, मन वांछित फल पल में पावे,
सीरवी समाज माँ थारा गुण गावे, आईजी री आरती सुनावे,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।
जय आई श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई,
आरती बोलो सब मिल भाई, आरती गावो सब मिल भाई,
जय आईं श्री अंम्बे माई, जय आई श्री दुर्गे माई।।